ओवैसी की पार्टी ने गुजरात की उस नगर पालिका पर BJP को हरा दिया, जिसकी किसी को उम्मीद नहीं थी

गुजरात के स्थानीय निकाय चुनावों में वैसे तो बीजेपी को ज्यादातर जगहों पर सफलता मिली है, लेकिन गोधरा नगर पालिका के नतीजे चौंकाने वाले रहे हैं. भाजपा को पंचमहल जिले की गोधरा नगर पालिका में बड़ा झटका लगा है. हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM (ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलमीन) ने बुधवार को गोधरा नगर पालिका में भाजपा के हाथों से सत्ता छीन ली. गोधरा वही जगह है जहां 2002 में ट्रेन में आग लगने से 59 कारसेवकों की जलकर मौत हो गई थी. इस घटना के बाद गुजरात में दंगे भड़क उठे थे.

गोधरा की 44 नगर पालिका सीटों में से AIMIM ने 8 नगर सेवक सीटों पर चुनाव लड़ा था. इनमें से 7 सीटें जीत ली थीं. इस नगर पालिका में भाजपा के 19 पार्षदों को जीत मिली है. कम सीटें होने के बावजूद AIMIM गोधरा नगर पालिका की सत्ता पर काबिज हो गई. इसके पीछे निर्दलीय नगर सेवकों का बड़ा हाथ है. नगर पालिका अध्यक्ष बनने के लिए यहां 23 नगर सेवकों के समर्थन की जरूरत होती है. गोधरा में 17 निर्दलीयों ने AIMIM को समर्थन दे दिया. इस तरह जरूरी आंकड़े को ओवैसी की पार्टी और निर्दलीयों ने मिलकर पूरा कर लिया.


निर्दलीय नगर सेवक संजय सोनी को पालिका अध्‍यक्ष और अकरम पटेल को उपाध्यक्ष बनाया गया है. ऐसा नहीं है कि ओवैसी की पार्टी को समर्थन देने वालों में सिर्फ मुसलमान नगर सेवक ही शामिल हैं. सपोर्ट का ऐलान करने वाले 17 निर्दलीय नगरसेवकों में से 5 हिंदू हैं.


ओवैसी की पार्टी ने पहली बार गुजरात की राजनीति में स्थानीय निकाय चुनाव के जरिए कदम रखे हैं. पहली बार के हिसाब से इसे काफी मजबूत शुरुआत माना जा रहा है. मोडासा सिविक बॉडी सीट पर भी ओवैसी की पार्टी के 9 उम्मीदवारों ने जीत हासिल की है.


स्थानीय निकाय के चुनावों में अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी और असदुद्दीन ओवैसी की AIMIM के प्रदर्शन ने लोगों को चौंकाया है. दोनों को ही इलेक्शन से पहले गंभीरता से नहीं लिया जा रहा था. जिस AIMIM को बीजेपी की बी पार्टी बताया जा रहा था, उसने ही गोधरा और मोडासा नगर पालिकाओं पर अच्छा प्रदर्शन कर बीजेपी को नुकसान पहुंचाया. दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी ने सूरत की नगर पालिका में बेहतरीन प्रदर्शन किया. सूरत महानगर पालिका में आम आदमी पार्टी प्रमुख विपक्षी दल बनकर उभरी है. गुजरात में नगर पालिका चुनाव के लिए 28 फरवरी को मतदान हुआ था. चुनाव परिणाम 2 मार्च को आए थे.

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